==चैनल प्रमुख हलधर रात्रे 7974343059==
भारत मुक्ती मोर्चा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा बहुजन क्रांति मोर्चा राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा अन्याय के खिलाफ 09 अप्रैल राष्ट्रव्यापी जेल भरो आंदोलन
मा.वामन मेश्राम साहब (राष्ट्रीय अध्यक्ष भारत मुक्ति मोर्चा नई दिल्ली)
आंदोलन के मुद्दे
1) अमित शाह द्वारा डॉ. बाबासाहेव अम्बेडकर पर अपमानजनक बयानः केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिये गये डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर पर अपमानजनक बयान को लेकर संसद और संसद के बाहर बहुत बडा हंगामा हुआ था। इसका मूल कारण 2024 का लोकसभा चुनाव तथा हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा में EVM से की गई धांधली को लेकर पूरे भारत भर में असंतोष का माहौल था। उस माहौल को दबाने के लिए इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना बयान किया गया, जो RSS के Secret Plan का हिस्सा था। यह विचार RSS की जहरिली फैक्ट्री का है। इसके बारे में जनता को सतर्क करना चाहते है तथा अमित शाह के इस्तीफेकी मांग को लेकर जेल भरो आंदोलन” कर रहे है।
2) केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी की जाति आधारित जनगणना न करने के विरोध में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और प्रधानमंत्री ओबीसी वर्ग से है। मगर ओबीसी के प्रधानमंत्री ने ओचीसी की जाति आधारित गिनती नहीं होगी चाहिए, इसके लिए प्रधानमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया है। नरेंद्र मोदी प्रतिदिन विकास की बात करते है। विकास करने के लिए ओबीसी आकडे इकठ्ठा करना जरूरी है। इसके बावजूद भी ओबीसी के आकडे इकन नहीं किये जा रहे है। यह ओबीसी को अधिकारों से वंचित रखने का षडयंत्र है। एक ओबीसी प्रधानमंत्री, ओवीसी के विरोध में हलफनामा कैसे दाखिल कर सकता है? कहीं ऐसा तो नहीं RSS वाले प्रधानमंत्री को रिमोट कंट्रोल से चला रहे है? इसलिए इसका विरोध करने के लिए “जेल भरो आंदोलन” कर रहे है।
3) ईवीएम मशीन ही आज मनुस्मृति हैं। आज ईवीएम मशीन की वजह से मूलनिवासी समाज के लोगों के वोट का अधिकार शून्य हो गया है।
A) शासन सत्ता पर 3.5 प्रतिशत ब्राह्मणों का कब्जा भारत में प्रजा वर्ग और दूसरा शासक वर्ग है। भारत में शासक वर्ग ब्राह्मण है। ब्राह्मणों का डीएनए विदेशी है और प्रजा एससी, एसटी, ओबीसी भारत के मूलनिवासी है। मूलनिवासी प्रजा वर्ग के दुश्मन शासक वर्ग ब्राह्मण है। वर्तमान में शासक वर्ग ब्राह्मणों के पास प्रजा वर्ग के भविष्य का निर्धारण करने का अधिकार है। इस बात को सामाजिक बदलाव के लिए सबसे पहले हमें समझना होगा कि आज की तारीख में मनी, माफिया, मीडीया और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के माध्यम से 3.5 प्रतिशत ब्राह्मणों का सत्ता-शासन पर असंवैधानिक कब्जा है। इस असंवैधानिक कब्जे के विरोध में ‘जेल भरो आंदोलन कर रहे है।
B) सदीय प्रणालीः संसदीय प्रणाली (Parliamentary system) लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की वह प्रणाली है जो दो स्तंभ पर निर्भर है। एक Strong Opposition दूसरा Free, Fair & Transparent Election यही वो दो स्तंभ है जिन पर लोकतंत्र की संसदीय प्रणाली पर टिकी हुई है ये वह आधार है जिन पर यह तंत्र काम करता है। क्या भारत में दो स्तंभ है, जिस पर संसदिय लोकतंत्र टिका है? समुदाय के एक वर्ग से दूसरे वर्ग को शांतिपूर्वक तरीके से और बिना किसी रक्तपात के सत्ता हस्तातरण के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और पादर्शी चुनाव आवश्यक है। लेकिन विद्यमान चुनाव प्रणाली स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी नहीं दिखाई दे रही है। शासक वर्ग और चुनाव आयोग के इस तानाशाही एवं एकाधिकारशाही चुनाव प्रणाली के विरोध में भी ‘जेल भरो आंदोलन’ कर रहे है।
C) भारत के मभी नागरिकों के लिए अपील. निर्वाचन आयोग को भारतीय संविधान के आर्टिकल 324 के अंतर्गत चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी लगाई गई है। चुनाव कंडक्ट कराने के लिए विधायिका द्वारा Peoples Representative Act 1951 बनाया गया। जिसके तहत निर्वाचन आयोग चुनाव की सारी प्रक्रिया को पूरा करता है। इस कानून के अनुसार धारा 59 के तहत प्रत्येक चुनाव में मतदाता द्वारा अपना मत बैलेट पेपर (मतपत्र) द्वारा ही दिया जायेगा, ऐसा प्रावधान किया है। 1989 में जो संशोधन किया गया, उस धारा 61अ के प्रावधान के वास्तविक अर्थ के अनुसार EVM (मतदान मशीनों) को अपवाद के रुप में और विशेष परिस्थिती को ध्यान में रखते हुए अंगिकार करना है। ऐसा प्रावधान है। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है, इसके विरोध में भी जेल भरो आंदोलन कर रहे है।
अपील
आप सभी संगठनो के कार्यकताओं/पदाधिकारीयों/बुद्धिजीवी, महिला, विद्यार्थी एवं सामाजिक हितचिंतको से आग्रह है कि उपरोक्त आंदोलन को सफल बनाने के लिए तन-मन-धन से साथ सहयोग करें। धन्यवाद।
भवदिय : भारत मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा, राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, केन्द्रीय युनिट, नई दिल्ली